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पहाड़ी गल्लां

नमस्कार।। हिमसंस्कृतवार्ताः हिमाचलप्रदेश में संस्कृत एवं संस्कृति के प्रचार के लिए शुरु किया गया प्रकल्प है जिसका उद्देश्य संस्कृत एवं हिमाचल की संस्कृति भाषा काव्य एवं लेखकों पर प्रकाश डालना है। उसी कड़ी में हमारा पहाड़ी गल्लां का यह पृष्ठ हिमाचली लोकगीतों, कविताओं , कहानियों को समर्पित रहेगा। इसमें हिमाचल के पहाड़ी भाषा के लेखकों के लेखों को आपके साथ साझा किया जाएगा।

हिमाचले दी शान बाबा पहाड़ी गांधी

हिमाचले दी शान बाबा पहाड़ी गांधी ए डाडे दी रियासता दी शान गांधी ए।। अस्सी दे दशक विच्च डाडे सीबे

पहाड़ी गल्लां – दोस्ती जोड़ी राख

पहाड़ी गल्लां "दोस्ती जोड़ी राख" ज्यादा क्यूं सोचो ए , इच्छा ही थोड़ी राख । दुःखा चे ना रोया कर,

घेरसू दियाली-: दियाली ता हूण बी मनांदे अहें

घेरसू दियाली दियाली ता हूण बी मनांदे अहें, पर से पहले ओली दियाली सबी ते नोखी हुआं थी, छलियाँ बढी

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