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पहाड़ी गल्लां

नमस्कार।। हिमसंस्कृतवार्ताः हिमाचलप्रदेश में संस्कृत एवं संस्कृति के प्रचार के लिए शुरु किया गया प्रकल्प है जिसका उद्देश्य संस्कृत एवं हिमाचल की संस्कृति भाषा काव्य एवं लेखकों पर प्रकाश डालना है। उसी कड़ी में हमारा पहाड़ी गल्लां का यह पृष्ठ हिमाचली लोकगीतों, कविताओं , कहानियों को समर्पित रहेगा। इसमें हिमाचल के पहाड़ी भाषा के लेखकों के लेखों को आपके साथ साझा किया जाएगा।

पहाड़ीगल्लां- कुड़िया रा ब्याह

पहाड़ीगल्लां- कुड़िया रा ब्याह निक्के रिया मुन्नियां रा आया ब्याह देई दित्ती बापूये दूर परदेश चार बजे रे थे लग्न

अजकला रे छोरुआं रा बखरा ई कम्म- रविन्द्रकुमार

अजकला रे छोरुआं रा बखरा ई कम्म कहरें कम्म करदे नी बाबू बणी घुमदे दारू जिथी मिली जाओ पेग लाई

विश्वधरोहरे कालका-शिमला-रेलमार्गे हाइड्रोजनेन प्रचलिष्यति रेलयानम्

विश्वधरोहरे कालका-शिमला-रेलमार्गे हाइड्रोजनेन प्रचलिष्यति रेलयानम् हिमसंस्कृतवार्ता:- शिमला। विश्वधरोहरे कालका-शिमला-रेलमार्गे शीघ्रमेव हाइड्रोजन-रेलयानं प्रचलिष्यति। एतद् हाइड्रोजनरेलयानं देशे प्रथमं रेलयानं भविष्यति यत् संकीर्णमार्गेण

डॉ मनोज शैल By डॉ मनोज शैल
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